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प्रकृति, रोमांच और आस्था का संगम है छत्तीसगढ़, नए साल 2026 में इन खूबसूरत जगहों पर जाएं घूमने

रायपुर। नए वर्ष की दस्तक के साथ ही लोग रोज़मर्रा की भागदौड़ से दूर सुकून, ताजगी और नई ऊर्जा की तलाश में निकल पड़ते हैं। यदि आप नए साल 2026 क...


रायपुर। नए वर्ष की दस्तक के साथ ही लोग रोज़मर्रा की भागदौड़ से दूर सुकून, ताजगी और नई ऊर्जा की तलाश में निकल पड़ते हैं। यदि आप नए साल 2026 की शुरुआत प्रकृति की गोद, रोमांचक अनुभवों और आध्यात्मिक शांति के साथ करना चाहते हैं, तो छत्तीसगढ़ आपके लिए एक बेहतरीन पर्यटन स्थल है। घने जंगल, कल-कल करते झरने, हरे-भरे पहाड़, प्राचीन धरोहरें और समृद्ध आदिवासी संस्कृति से सजा यह राज्य पर्यटन के लिहाज से किसी जन्नत से कम नहीं।

आइए जानते हैं नए साल पर घूमने लायक छत्तीसगढ़ की प्रमुख जगहें—


चित्रकोट जलप्रपात (बस्तर)

‘भारत का नियाग्रा फॉल’ कहलाने वाला चित्रकोट जलप्रपात इंद्रावती नदी पर स्थित है। लगभग 90 फीट ऊंचा यह जलप्रपात सर्दियों में बेहद मनमोहक दिखाई देता है। वर्षा ऋतु में इसका पानी लालिमा लिए होता है, जबकि चांदनी रातों में यह दूधिया सफेद नजर आता है। जगदलपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित यह स्थल पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है।


तीरथगढ़ जलप्रपात

सीढ़ीनुमा बनावट और दूधिया धार के लिए प्रसिद्ध तीरथगढ़ जलप्रपात बस्तर का सबसे सुंदर झरना माना जाता है। घने जंगलों के बीच स्थित यह स्थल शांति और रोमांच दोनों का अनुभव कराता है। यह जगदलपुर से लगभग 29 किलोमीटर दूर कांगेर नदी और उसकी सहायक नालियों से मिलकर बना है और सालभर बहता रहता है।


कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान

जैव विविधता से भरपूर कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी खजाने से कम नहीं है। वर्ष 1982 में स्थापित यह राष्ट्रीय उद्यान दुर्लभ वन्यजीवों, चूना पत्थर की गुफाओं, झरनों और छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना के लिए प्रसिद्ध है। यह उद्यान यूनेस्को की अस्थायी विश्व धरोहर सूची में भी शामिल है।


मैनपाट (छत्तीसगढ़ का शिमला)

सरगुजा जिले में स्थित मैनपाट को ‘छत्तीसगढ़ का शिमला’ कहा जाता है। ठंडी जलवायु, हरे-भरे पहाड़ और शांत वातावरण इसे नए साल पर घूमने के लिए आदर्श बनाते हैं। यहां तिब्बती संस्कृति की झलक, तिब्बती मठ, ऊनी कालीन, उल्टा पानी, सरभंजा जलप्रपात और टाइगर प्वाइंट पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।


डोंगरगढ़ – मां बम्लेश्वरी मंदिर

नए साल की शुरुआत आस्था और श्रद्धा के साथ करना चाहते हैं, तो डोंगरगढ़ जरूर जाएं। राजनांदगांव जिले में 1600 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर शक्ति उपासना का प्रमुख केंद्र है। यहां सीढ़ियों या रोपवे के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। नवरात्रि के दौरान यहां विशाल मेले का आयोजन होता है।


सिरपुर (महासमुंद)

महानदी के तट पर स्थित सिरपुर छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थल है। यह प्राचीन दक्षिण कोसल की राजधानी रहा है। 5वीं से 12वीं शताब्दी के लक्ष्मण मंदिर, बौद्ध विहार, जैन और हिंदू मंदिर यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।


गंगरेल डैम (धमतरी)

छत्तीसगढ़ का सबसे लंबा बांध गंगरेल डैम पिकनिक और वॉटर स्पोर्ट्स के लिए जाना जाता है। महानदी पर बना यह बांध सिंचाई, बिजली उत्पादन और पेयजल आपूर्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है। ‘मिनी गोवा’ के नाम से मशहूर यह स्थल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और हनुमान मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।


बरनवापारा वन्यजीव अभयारण्य


रायपुर से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित बरनवापारा अभयारण्य जंगल सफारी के लिए जाना जाता है। यहां भारतीय बाइसन (गौर), सांभर, नीलगाय और कई प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं। यह अभयारण्य प्रकृति और वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल है।

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