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लोकसभा में बृजमोहन अग्रवाल की पैनी बात—छत्तीसगढ़ की सहकारिता व्यवस्था पर केंद्र का बड़ा जवाब

  रायपुर 10 दिसंबर, 2025 रायपुर सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने मंगलवार को लोकसभा में एक बार फिर अपनी दूरदृष्टि, जमीनी समझ और...

 


रायपुर 10 दिसंबर, 2025 रायपुर सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने मंगलवार को लोकसभा में एक बार फिर अपनी दूरदृष्टि, जमीनी समझ और रचनात्मक नेतृत्व का परिचय देते हुए छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश की सहकारिता व्यवस्था से जुड़े अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों को बेबाकी से सदन के समक्ष रखा।

सांसद बृजमोहन के सवाल पर केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया।

जिसमें बताया गया कि, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के साथ-साथ कोऑपरेटिव सेक्टर में 'अंडर डेवलप्ड' राज्य के तौर पर कैटेगरी में होने के बावजूद, छत्तीसगढ़ पर काफी ध्यान दिया गया है। अकेले फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में, NCDC ने राज्य को लगभग ₹28,082 करोड़ दिए, जिसका मकसद क्षेत्रीय असमानताओं को कम करना था।

छत्तीसगढ़ में 11,800 कोऑपरेटिव सोसाइटी है, जिनमें से 10.236 चालू हालत में हैं। यह हाई फंक्शनैलिटी रेट एक मजबूत जमीनी नेटवर्क का संकेत देता है जो केंद्र सरकार की फंडिंग को इस्तेमाल करने के लिए तैयार है।

अग्रवाल ने खास तौर पर मंत्रालय से क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने और ट्रेनिंग के जरिए आदिवासी इलाकों को जोड़ने के उपायों पर जोर दिया था। जवाब में, अमित शाह ने बताया कि CSISAC योजना के तहत, राज्यों को सख्ती से कैटेगरी में बांटा गया है ताकि फंडिंग वहीं दी जाए जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। इसके अलावा, सामाजिक समावेश सुनिश्चित करने के लिए, मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज (अमेंडमेंट) एक्ट, 2023 अब मल्टी-स्टेट सोसाइटीज के बोर्ड में SC/ST के लिए एक सीट और महिलाओं के लिए दो सीटों का रिजर्वेशन अनिवार्य करता है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने आदिवासी इलाकों में टारगेटेड एग्जीक्यूशन की जरूरत पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि, "सहकारी क्षेत्र सिर्फ अर्थव्यवस्था के बारे में नहीं है, यह बस्तर और सरगुजा में हमारे आदिवासी भाइयों की जीवनरेखा है। मैं छत्तीसगढ़ के लिए केंद्र द्वारा ₹28,000 करोड़ से ज्यादा के बड़े आवंटन का स्वागत करता हूं। लेकिन मेरा ध्यान इस बात पर है कि यह पूंजी हमारे वनवासियों के लिए ट्रेनिंग और सांस्कृतिक बदलाव में बदले, ताकि वे सिर्फ़ लाभार्थी नहीं, बल्कि इस आंदोलन में नेता बनें।

केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NCDC) ने अहम भूमिका निभाई है, और मार्च 2025 तक सबसे कम विकसित (LD) और अधिकसित (UD) राज्यों को कुल मिलाकर ₹2.85,815 करोड़ रुपये बांटे हैं।


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