मुंबई, 23 सितम्बर। रायपुर के सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल मंगलवार को शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी संसदीय स्थायी समि...
मुंबई, 23 सितम्बर। रायपुर के सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल मंगलवार को शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्ययन दौरे पर मुंबई में आयोजित बैठक में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने नई शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रभावी क्रियान्वयन और शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिए कई अहम सुझाव दिए।
सांसद अग्रवाल ने विद्यार्थियों में बढ़ते तनाव को दूर करने के लिए विद्यालय स्तर पर योग क्लास, एथिक्स और मोरल साइंस को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एकल परिवार की संस्कृति के कारण बच्चों में अकेलेपन की समस्या बढ़ रही है, वो तनावग्रस्त हो रहे और आत्महत्या तक रहे हैं, जिसे केवल नैतिक शिक्षा और संस्कारों के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है।
उन्होंने मल्टी डिसिप्लिनरी शिक्षा में हाजिरी सिस्टम पर सवाल उठाया और सभी सरकारी स्कूलों में आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटी, साइंस, मैथमेटिक्स और कॉमर्स को अनिवार्य रूप से लागू करने का सुझाव दिया। साथ ही उच्च शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने और भारतीय ज्ञान पद्धति पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार करने पर बल दिया, जिसे आगे चलकर देशभर में लागू किया जा सके।
बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग एवं उच्चतर शिक्षा विभाग, भारत सरकार, महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा विभागों सहित टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस) और गोखले राजनीति एवं अर्थशास्त्र संस्थान के अधिकारी उपस्थित रहे।
महिला सशक्तिकरण विषय पर चर्चा करते हुए श्री अग्रवाल ने महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 के प्रभावी कार्यान्वयन पर विशेष जोर दिया। बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, महाराष्ट्र सरकार के विभागों सहित विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
खेलों को बढ़ावा देने पर विचार करते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि SAI केंद्रों को अंतर्राज्यीय स्वरूप दिया जाना चाहिए ताकि विभिन्न राज्यों के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भी अवसर मिल सके। उन्होंने छत्तीसगढ़ की उत्कृष्ट खिलाड़ी नीति की तर्ज पर जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को उनके स्तर के अनुसार नौकरी प्रदान करने की नीति बनाने का सुझाव दिया। इससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा और गांव-गांव से नई खेल प्रतिभाएं सामने आएंगी।
बैठक में खेलो इंडिया पर स्थायी समिति की 369वीं रिपोर्ट, राष्ट्रीय खेल नीति 2025 और उससे संबंधित योजनाओं पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
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