रायपुर। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा कि समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास अंधविश्वासों व कुरीतियों को दूर...
रायपुर। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा कि समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास अंधविश्वासों व कुरीतियों को दूर करने का सबसे सशक्त साधन है। योग भवन रायपुर फुडहर में लोक सेवा आयोग की तैयारी कर रहे छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्ति को बचपन से ही शिक्षा के साथ अंधविश्वासों से सचेत करना जरूरी है। असफलता का कारण ग्रह-नक्षत्रों में खोजने की बजाय स्वयं की कमियों का विश्लेषण करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश में विभिन्न धर्म और परंपराओं के चलते कई अंधविश्वास जन्म ले चुके हैं। इनसे न केवल ठगी होती है बल्कि समाज की प्रगति भी बाधित होती है। विशेषकर छत्तीसगढ़ में टोनही प्रथा के नाम पर महिलाओं की प्रताड़ना मानव अधिकारों का खुला उल्लंघन है। इस कुप्रथा के खिलाफ प्रदेश में 30 वर्षों से “कोई नारी टोनही नहीं” अभियान चलाया जा रहा है।
डॉ. मिश्र ने कहा कि बीमारियों का इलाज झाड़-फूँक या तंत्र-मंत्र से नहीं बल्कि आधुनिक चिकित्सा से संभव है। कोरोना काल इसका उदाहरण है, जिसमें चिकित्सा विज्ञान ने महामारी पर नियंत्रण पाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ताबीज, अंगूठी या चमत्कारिक उपायों से सफलता नहीं मिलती, बल्कि कठिन परिश्रम और सुनियोजित तैयारी ही सफलता का मार्ग है।
उन्होंने चेतावनी दी कि चमत्कार दिखाने, सोना-गहने दुगुना करने जैसी ठगी से महिलाएँ अधिक शिकार होती हैं। छात्रों और ग्रामीणों को चाहिए कि वे अपने आसपास के लोगों को विज्ञानसम्मत जानकारी देकर जागरूक करें। व्याख्यान के बाद वैज्ञानिक प्रयोगों के माध्यम से चमत्कारों की सच्चाई भी समझाई गई। कार्यक्रम में संयोजक चंद्रेश सहित प्रदेशभर के छात्र उपस्थित रहे।
No comments