भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के ऑक्सीजन प्लांट-2 में आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य आकस्मिक परिस्थितियों म...
भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के ऑक्सीजन प्लांट-2 में आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य आकस्मिक परिस्थितियों में त्वरित, समन्वित और प्रभावी प्रतिक्रिया की संस्थागत तैयारी का परीक्षण करना था। यह मॉक ड्रिल वैधानिक दिशा-निर्देशों एवं विभागीय प्रोटोकॉल के अनुसार आयोजित की गई, जिसमें संयंत्र के विभिन्न विभागों के बीच आपसी तालमेल और आपात स्थितियों में उनकी क्रियान्वयन क्षमता का मूल्यांकन किया गया।
ऑक्सीजन प्लांट-2 एक अति संवेदनशील क्षेत्र है, जहाँ 2000 टन क्षमता वाले दो तरल ऑक्सीजन टैंक स्थित हैं। मॉक ड्रिल के दौरान यह परिकल्पित किया गया कि टैंक-2 से जुड़े पंप नंबर-3 में विद्युत फॉल्ट उत्पन्न हो गया है, जिसकी मरम्मत हेतु छह सदस्यीय इलेक्ट्रिकल टीम भेजी गई। इसी बीच पंप नंबर-1 में बेल्ट घर्षण के कारण अचानक आग लग गई, जो लिक्विड ऑक्सीजन के रिसाव के चलते तीव्र हो गई। इस आग के फैलाव से कंट्रोल पैनल कक्ष के बाहर की संरचना प्रभावित हुई और तीन कर्मचारी कक्ष में फंस गए।
उनमें से एक को सहकर्मियों द्वारा सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए साइट इंचार्ज योगेश शर्मा ने तत्क्षण शिफ्ट इंचार्ज गौरव चौधरी को सूचित किया, जिन्होंने विभागाध्यक्ष पी.सी. बाग को जानकारी दी। इसके बाद कंट्रोल रूम से आपातकालीन सायरन बजाया गया और सभी आपातकालीन एजेंसियों को सूचित किया गया। स्थिति को नियंत्रित करने के पश्चात 10:57 बजे “ऑल क्लियर” सायरन बजाया गया।
इस अभ्यास में ऑक्सीजन प्लांट-2 से मो.नदीम खान, प्रतिभा ए हरिशचंद्र, रविकांत वर्मा , शक्ति मानिकपुरी, नजीम अंसारी, उमेश मलायथ, अनुपम प्रसन्ना, शिवम, राजेश ठाकुर, एम. डी. साहू, सहित बीएसपी की सीआईएसएफ यूनिट, अग्निशमन विभाग, सुरक्षा अभियांत्रिकीय विभाग, सिविल डिफेंस, मानव संसाधन, पर्यावरण प्रबंधन और एमएमपी-1 के अधिकारी एवं कर्मचारी सक्रिय रूप से शामिल हुए।
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