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माटी पुत्र को माटी तक नसीब नहीं": जोगी प्रतिमा विवाद पर जनाक्रोश

  गौरेला।पेण्ड्रा (30 मई 2025) : छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी की 5वीं पुण्य तिथि 29 मई गुरुवार को पेण्ड्रारोड में उनकी समाधि...

 


गौरेला।पेण्ड्रा (30 मई 2025) : छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी की 5वीं पुण्य तिथि 29 मई गुरुवार को पेण्ड्रारोड में उनकी समाधि स्थल पर मनाई गई। इस दौरान सर्व धर्म प्रार्थना सभा और भजन संध्या का आयोजन किया गया। 29 मई 2020 को उनका निधन हुआ था। सर्व धर्म प्रार्थना सभा में स्व अजीत जोगी को याद करते हुए वक्ताओं ने बताया कि विलक्षण प्रतिभा के धनी रहे स्व. अजीत जोगी के बारे में कहा जाता है कि "अजीत जोगी जैसा न भूतो न भविष्यति।" अजीत जोगी को याद करते हुए वक्ताओं ने उन्हें अपराजेय योद्धा बताते हुए कहा कि अजीत जोगी की कार्य प्रणाली और मिलनसार व्यक्तित्व के कारण राजनीतिक विरोधी भी उनके प्रशंसक बन जाते थे।

वक्ताओं ने अजीत जोगी को सपनों का सौदागर बताते हुए कहा कि जोगी ने छत्तीसगढ़ को बहुत करीब से देखा और समझा था। वो कहते थे कि यहां की धरती में अकूत खनिज संपदा कोयला, लौह अयस्क, बाक्साईड, हीरा, सोना होने के बावजूद यहां "अमीर धरती गरीब लोग" का विरोधाभास है। जोगीजी इस विरोधाभास को दूर करना चाहते थे, लेकिन उनका ये सपना अधूरा रह गया

श्रृद्धांजलि सभा में अजीत जोगी को याद कर सभी की आंखें नम हो गईं। वक्ताओं ने बताया कि स्व. अजीत जोगी की पहुंच और पकड़ भारत देश के कोने कोने तक था। लोकप्रिय राजनेता होने के साथ ही वो सीनियर आईएएस-आईपीएस अफसर थे, इसलिए देशभर के आईएएस-आईपीएस अफसर उनका बहुत सम्मान करते थे, जिसका बहुत लाभ स्व. जोगी के माध्यम से लोगों को मिलता था। भारत देश के किसी भी कोने में मदद पहुंचाने की जो क्षमता अजीत जोगी में थी वो किसी और नेता में नहीं। इसलिए दूसरे राज्यों में काम करने वाले छत्तीसगढ़िया स्व. जोगी का मोबाइल नंबर अपने पास रखते थे। देश के किसी भी गांव और शहर में यदि किसी छत्तीसगढ़िया को जरूरत पड़ती थी स्व. जोगी का उनको मदद पहुंच जाता था। कार्यक्रम का संचालन ओम प्रकाश बंका ने किया।

सर्वधर्म प्रार्थना सभा में मुख्य रूप से स्वर्गीय अजीत जोगी की पत्नी पूर्व विधायक डॉ. रेणु जोगी, उनके पुत्र पूर्व विधायक अमित जोगी, रिचा जोगी, कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, पूर्व विधायक डॉ. केके ध्रुव, नगर पालिका पेण्ड्रा के अध्यक्ष राकेश जालान, शिव नारायण तिवारी, अनिल टाह, अशोक शर्मा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष उत्तम वासुदेव, सुखदेव ग्रेवाल, वेदचन्द जैन, ओम प्रकाश बंका, रामनिवास तिवारी, ओम प्रकाश जायसवाल, मनोज गुप्ता, अशोक नगाइच, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अरुणा गणेश जायसवाल, इकबाल सिंह, प्रशांत श्रीवास, पंकज तिवारी, विश्वंभर गिलहरे, मोहम्मद नफीस, पवन सुल्तानिया, निर्माण जायसवाल, आशीष रमेश केसरी, मूलचन्द कुशराम, सुनील गुप्ता, रामशंकर राय, संदीप जायसवाल, सुखसागर सिंह पैकरा, अजय जायसवाल, संतोष साहू, अजीत सिंह पेंद्रो, मुद्रिका सिंह, अतुल आर्थर, राजकुमार रजक, धनराज नामदेव, बैकुंठनाथ जायसवाल, आफाज नियाजी, अमोल पाठक, निलेश साहू, राकेश मसीह, राजेंद्र ताम्रकार, दिलीप साहू, संजीव अग्रवाल, इत्यादि सहित प्रदेश भर से सैकड़ों लोग स्व. जोगी को श्रृद्धांजलि देने पहुंचे थे।

इसके पूर्व स्व जोगी के पुण्यतिथि में सद्भावना रैली निकाली गई जिसका समापन स्व जोगी के समाधि स्थल पर हुआ। इस अवसर पर अमित जोगी ने कहा छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री जन सेवक, माननीय जोगी जी को कोई व्यक्ति, दल,  वर्ग, जाति और धर्म नहीं बल्कि एक विचारधारा थे । स्व  जोगी जी की सबसे बड़ी उपलब्धि उनका कलेक्टर बनना,सांसद बनना या मुख्यमंत्री बनना नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की महतारी की कोख से जन्म लेने वाले इस महान माटीपुत्र की सबसे बड़ी  उपलब्धि है कि उन्होंने एक आम छत्तीसगढ़ के अंदर विश्वास पैदा किया कि एक गांव का गरीब वि भी सपने देख सकता है, जीवन में ऊंचाइयों को छू सकता है और छत्तीसगढ़ की सेवा कर सकता,  छत्तीसगढ़ियों को आगे बढ़ा सकता है। माननीय जोगी जी हमेशा कहते थे बचपन से उन्हें जो मिला उसके लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा उनका सारा जीवन संघर्ष से भरा रहा। उन्होंने कहा मुझे कहते हुए बहुत दुख और पीड़ा हो रही है कि उनके मरने के बाद भी पापा संघर्ष ही कर रहे हैं उनकी प्रतिमा तक नहीं लग पा रही है। स्व जोगी  जी इस मिट्टी में जन्मे जिस क्षेत्र में पले बढ़े, जिस मिट्टी में खेले, जिस क्षेत्र के लोगों की सेवा की उसी क्षेत्र में आज उनकी प्रतिमा लगाने हम सबको इतना संघर्ष करना पड़ रहा है, आज उनकी पुण्यतिथि है और आप देख लीजिए जोगी जी की प्रतिमा को लोहे की बॉडी में कैद कर रखा गया है। माटी के पुत्र को माटी तक नसीब नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा मैं पूछना चाहता हूं उन लोगों से अरे हमने तो प्रतिमा दिन में लगाए आप लोगों ने रात के अंधेरे में क्यों हटाई, चोरों की तरह चोरी छुपे रात के अंधेरे में प्रतिमा उखड़ते हो, हिम्मत है दिन में उखाड़ कर दिखाते।  जो लोग यह सोच रहे हैं की प्रतिमा को उखाड़ कर कचरे में फेंक देने से जोगी जी का नाम मिट जाएगा, उनका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।  मैं आज उन लोगों को यह बताना चाहता हूं कि शासन/प्रशासन को चेताना चाहता हूं कि  माटी पुत्र को मिटाओगे तो खुद मिट्टी में मिल जाओगे।  गौरेला पेंड्रा मरवाही क्षेत्र के लोगों के संकल्प लिया है  कि हम एक महीना का समय प्रशासन को दे रहे हैं अगर 1 महीने के अंदर  माननीय जोगी जी के प्रतिमा को  सम्मान के साथ उसी स्थान पर नहीं लगाई तो बड़ा आंदोलन होगा।

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