चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अंदरूनी कलह एक बार फिर से सामने आ गई है। विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद सिरसा लोकसभा सीट...
चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अंदरूनी कलह एक बार फिर से सामने आ गई है। विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद सिरसा लोकसभा सीट से सांसद कुमारी सैलजा काफी एक्टिव दिखाई दे रही थी। लेकिन अब उन्होंने इस चुनाव से दूरी सी बना ली है। सैलजा न तो कांग्रेस के घोषणा पत्र जारी करने के समय दिखाई दीं और न ही वो अब चुनाव प्रचार कर रही हैं। सैलजा की इस नााजगी का कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है। दरअसल टिकट बंटवारे से लेकर अबतक जो घटनाक्रम हुए उन सब में हुड्डा को तवज्जो मिली है। सैलजा न तो अपने समर्थकों को टिकट दिलवा पाई और अब हुड्डा गुट के समर्थकों की ओर की गईं टिप्पणियों से वह आहत हैं।
कुमारी सैलजा हरियाणा में कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा हैं। वो अनुसूचित जाति से आती हैं। हरियाणा की 21 ऐसी विधानसभा सीटे हैं जहां कुमारी सैलजा का प्रभाव है। लेकिन कांग्रेस समर्थकों की टिप्पणियों के बाद से उन्होंने चुनावी कैंपेन से दूरी बना ली है। उन्होंने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी या बयान भी नहीं दी है। सैलजा की इस खामोशी ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है।
क्यों नाराज है सैलजा
नारनौंद में कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ के नामांकन कार्यक्रम में एक समर्थक ने कुमारी सैलजा पर जातिगत टिप्पणी की थी। इस मामले ने तूल पकड़ा और जगह-जगह विरोध भी हुआ। बताया जा रहा है कि सैलजा इस बात से नाराज चल रही हैं। वहीं उनकी नाराजगी की वजह टिकट वितरण को भी माना जा रहा है। कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा समर्थकों को तवज्जो देते हुए 90 में से 72 सीटों पर उनके समर्थकों को टिकट दी है। वहीं सैलजा ने 35 सीटें मांगी थी, लेकिन उनके सिर्फ 10 समर्थकों को टिकट दी गई।
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