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देश और छत्तीसगढ़ की मंचीय कलाओं के बीच सहकार की योजना: डॉ. परदेशीराम

भिलाई । अगासदिया परिसर भिलाई मे कथक और रवीन्द्र संगीत की साधिका संगीत शिक्षिका भूमिका माने,  एक साफ्टवेयर इंजीनियर है लेकिन छुटपन से संगीत स...


भिलाई । अगासदिया परिसर भिलाई मे कथक और रवीन्द्र संगीत की साधिका संगीत शिक्षिका भूमिका माने,  एक साफ्टवेयर इंजीनियर है लेकिन छुटपन से संगीत साधना की दिशा में परिवारिक प्रोत्साहन उन्हें मिला। भूमिका ने बताया कि देश में शास्त्रीय नृत्य, संगीत के साथ छत्तीसगढ़ की मंचीय विधाओं को सम्मिलित कर प्रतिभाशाली प्रतिभागियों को सतत प्रशिक्षण देकर तैयार करने की वृहद योजना है।

डॉ. परेदशीराम वर्मा ने कहा कि इस दिशा में यह बहुत महत्वपूर्ण विचार है। हम कला क्षेत्र में उदार पहल के इस कदम को महत्वपूर्ण मानते हैं। पंडवानी, पंथी और नाचा विधाओं के तीन पद्मश्री कलाकार उषा बारले, डॉ. राधेश्याम बारले तथा डोमार सिंह कंवर की सहभागिता में इसकी पूरी रूपरेखा बनाई जाएगी। सबसे पहले नाचा के प्रतिभाशाली कलाकार डोमारसिंह कंवर के गांव लाटाबोड़ में शीघ्र ही वैचारिक समागम होगा।

उसके बाद पंडवानी और पंथी की कलाकार उषा बारले एवं डॉ. राधेश्याम बारले की उपस्थिति में भिलाई में इसका अगला चरण होगा। पत्रकार मुहम्मद जाकिर हुसैन ने इस अवसर पर कहा कि यह प्रेरक और दूरगामी प्रभाव डालने वाले सहकार की दृष्टि से आदर्श कला-योजना है। शिक्षाविद रजनी नेलसन ने देश और छत्तीगढ़ की मंचीय कलाओं को एक छत के नीचे जानने और सीखने के लिए अगासदिया के किए जाने वाले रचानात्मक प्रयास को महत्वपूर्ण बताया। इजा मारिया नेलसन ने आभार व्यक्त किया।


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